नम आँखे

कलम से लिखे ये लव्ज़ ,

जुबां से निकल सकेँ ;

दूर जाने वाले परिंदे ,

दूर हमसे हो गए  |

 

 

दुःख की बुँदे जम के ,

आँखों से निकल सकी ;

पत्थर बन कर दिखाया जग को ,

लेकिन नम अंदर से हो गए  |

 

 

दुःख तो है इस दिल को ,

क्योंकि पास हो कर भी तुम्हारे  ;

तुम को यहाँ रोक सके ,

लेकिन ………

लेकिनतस्सली है इस दिल को ;

कि…. दर्द मुक्त हो कर आप यूँ चले गए |

 

 

प्यारा सा ये परिंदा ,

अब जा बसेगा किसी और बगिया में ;

दुआ है खुदा से ,

कि आपको सारे जहाँ का सुख मिल सके |

 

 

यह जुबा नहीं हैं कवि की ,

ये ज़ुबान है आपको प्यार करने वाले कि ;

अब इन आँखों से आंसू नहीं बहेंगे ,

अब ख़ुशीख़ुशी अलविदा आपको करने हम चलेंगे |


Bipasha Atul

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