चलो आज मिलकर दिवाली मनाएँ।।

दिवाली……

चलो, आज मिलकर दिवाली मनाएँ।

न छोटा हो कोई, न कोई बड़ा हो,

लिये दीप कर में बराबर खड़ा हो।

बिगुल से किसी को जगाने के बदले,

सभी आज मिलकर पटाखे चलाएँ।

चलो आज मिलकर दिवाली मनाएँ।।

मिठाई से चमचम दुकानें सजी हैं,

गली-दर-गली बत्तियाँ जल रही हैं।

उठो, प्रेम की लौ से सब आज मिलकर,

ग़रीबी को, नफ़रत को जड़ से मिटाएँ।

चलो, आज मिलकर दिवाली मनाएँ।।

Article written by

Result icon